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ठाकुर ज़ालिम और इच्छाधारी नाग -2

 चैप्टर-1 ठाकुर कि शादी, अपडेट 2


समय रात के 9बजे


स्थान काली पहाड़ी, डाकू रंगा बिल्ला का अड्डा




Intro


रंगा बिल्ला बचपन से ही दोस्त थे, जो काम करते साथ ही करते


बचपन से ही गलत कामों मे लग गये थे, ना जाने कितना लूटा, बलात्कार, चोरी सब किया.


दोनों ही चोदने मे एक्सपर्ट थे, हो भी क्यों ना दोनों के पास ही 10इंच का भयंकर लंड था.


खास बात भी यही थी कि जिसे भी चोदते एक साथ ही चोदते.


दोनों कि hight 6.5फ़ीट, चौड़ा सीना, मजबूत भुजाये


राक्षस से कम नहीं थे बिल्कुल भी, काम से भी राक्षस और स्वभाव से भी राक्षस




रंगा








यार बिल्ला बहुत दिन से कोई बड़ा हाथ नहीं मारा, कब तक ऐसे ही चिल्लर से काम चालाना पड़ेगा?


बिल्ला :- हाँ यार रंगा कोई बड़ा मुर्गा मिल ही नहीं रहा साला किस्मत ही ख़राब है.


दारू भी देसी ही पीनी पड़ रही है, एक एक पैग तो बना.


रंगा ने एक गिलास मे देसी दारू डाली और दोनों चूसकने लगे और गहरी सोच मे डूब गये




तभी एक भीनी भीनी खुसबू कमरे मे फ़ैल जाती है और मधुर मीठी आवाज़ कमरे मे गूंजती है, मालिक मालिक मै खाना ले आई


और एक खबर भी है, ऐसी खबर कि आप लोग ख़ुश हो जायेंगे


रंगा बिल्ला :- आओ हमारी रखैल आओ क्या लाइ हो?


ये है रुकसाना बैगम, कामगंज गांव मे ही रहती है


कामगंज गांव के मौलवी कि विधवा बेटी,इसका पति परवेज खान बच्चा पैदा करने से पहले ही डाकुओ के हाथ मारा गया.


देखने मे एकदम गोरी, लम्बे काले बाल, गुलाबी होंठ


पूरी अप्सरा


उम्र 24साल, hight 5.5इंच


कमर 28 कि बलखाती, स्तन 34 उछाल भरते हुए, गोल गोल कोई लचीलपन नहीं


गांड 38 कि बाहर निकली हुई चलती है तो आदमियों के लंड पानी छोड़ देते है






रुकसाना को आया देख के रंगा बिल्ला धोती के ऊपर से ही लंड सहलाने लगे, क्या खूबसूरत थी रुखसाना देखते


ही लंड खड़ा हो जाता था.




रुकसाना :-मालिक मेरे होते हुए अपने हाथो को क्यों तकलीफ देते है, ऐसा बोल के रुकसाना दोनों के बीच मे बैठ के धोती के ऊपर से ही दोनों के लंड सहलाने लगी




"मालिक आपकी ये रंडी आपके लिए चिकन लाइ है और खबर भी"


रंगा :- क्या खबर है छिनाल?


मालिक मेरे गांव मे रहने वाले किसान रामनिवास कि लड़की कि शादी पास के गांव ठाकुर ज़ालिम सिंह से होने वाली है.


सुना है ठाकुर मंगलवार को रामनिवास के घर शादी कि तारीख फिक्स करने आएगा.


बोलते बोलते रुकसाना ने दोनों के लंड बाहर निकल लिए और खेलने लगी.


बिल्ला :- वाह क्या खबर लाइ है मेरी रांड वाह दिल ख़ुश कर दिया, आज रात भर तुझे इनाम देंगे तुझे ऐसी खबर सुनाने के लिए.


रुकसाना के चेहरे पे वासना और शर्माहाट के मिले जुले भाव थे.


उसे आज भी याद है जब वो विधवा होके अपने मायके वापस आई थी


उसकी तो दुनिया ही लूट चुकी थी.


एक दिन रंगाबिल्ला के पीछे पुलिस लगी थी और दोनों किस्मत से मौलवी साहेब के घर घुस आये थे


यही पर पहली बार रुकसाना को देखा तो देखते ही रह गये क्या जवानी थी क्या हुस्न था रुकसाना का


दोनों डाकू अपना आपा खोचुके थे, रात भर रंगा बिल्ला ने रुकसाना को जम के चोदा.


गांड चुत सब फाड़ के रख दिया




अगले दिन जब रुखसाना उठी तो रंगा बिल्ला जा चुके थे परन्तु रुखसाना के चेहरे पे खुशी थी


उसी वो संतुष्टि मिली थी जो आज तक कभी उसके पति से भी ना मिली


दुख भरी जिंदगी मे बाहर आ चुकी थी, सावन जम चूका था


तब से ही रुखसाना रंगा बिल्ला कि सेवा मे तत्पर थी वो उन दोनों के लंड कि दीवानी थी


उसे वो दोनों लंड दिनरात अपनी चुत और गांड मे चाहिए था.


रुखसाना :-मेरे मालिकों मै तो कब से आपके इनाम कि ही राह देख रही हूँ आज जम के चोदीये मुझे


रात भर कस कस के चोदीये


रंगा :- तेरी यही अदा तो हमें दीवाना बनाती है.


रंगा बिल्ला ने अपनी धोती अपने शरीर से अलग कर दी


अब दोनों ही पूर्णतया नंगे थे


ऐसा लगता था जैसे दो काले भसण्ड राक्षसों के बीच कोई गोरी गुलामी चमड़ी कि


परी फस गई हो






बिल्ला :- आजा मेरी जान देख कैसे ये लंड तेरे प्यार के लिए तरस रहा है.


रुखसाना तुरंत अपने घुटनो पे झुक गई और बिल्ला के लोडे को बिना हाथ लगाए ही सूंघने लगी


उसे ये खुसबू बहुत पसन्द थी, लंड कि खुसबू उसे मदहोश करती थे


रुखसाना ने धीरे से अपना सीधा हाथ बिल्ला के टट्टो पे रख लिया और सेहलाने लगी


टट्टे थे कि टेनिस बॉल, पता नहीं कितना वीर्य भरा पडा था इन टट्टो मे


रंगा :- मुँह खोल छिनाल चूस लोडे को, दारू कि चुस्की लेते लेते रंगा दोनों को देखते हुए बोल रहा था




रुखसाना भी बड़ी अदा से बिल्ला का लंड चाट रही थी जैसे कोई कुतिया हो.


अब धीरे धीरे बड़ी मादक अदा के साथ रुखसाना ने अपनी गांड रंगा कि तरफ घुमा दी और होले होले अपनी


38 कि उछलती गांड हिलाने लगी जैसे रंगा को निमंत्रण दे रही हो.


ये कला रुखसाना मे रंगा बिल्ला से पहली बार सम्भोग के बाद ही उत्पन्न हुई थी वरना तो उसका पति सिर्फ लहंगा उठा के पेल

देता था सिर्फ, उसके भी लगता था कि यही सम्भोग है.

परन्तु नियति ने उसे रंगा बिल्ला से मिलवाया, रुखसाना को अहसास हुआ कि सम्भोग मे मजे लेने है तो पहले मजे देने भी होंगे.

सम्भोग का आनंद तब ही है जब बेशर्म रांड बन के चुदवाया जाये.

रंगा :- वाह मेरी रांड वाह क्या अदा है तेरी, क्या गांड है मन करता है अभी लंड पेल दू.

रुखसाना :- तो पेल दीजिये ना मालिक रोका किसने है?

रंगा :- चुप रांड मालिक से जबान लड़ाती है, तुझे तो पेलुँगा ही लेकिन अपने तरीके से

ये बोल के रंगा बिल्ला एक दूसरे को देख के हॅसने लगे

अब देखना है कि रुखसाना कैसे चुदती है? कितना दम है रंगा बिल्ला के लोडे मे?



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